मोक्ष के बारे में बाइबिल बिलकुल स्पष्ट है। बहुत से लोग समझते हैं कि वे बहुत अच्छे हैं और वे स्वर्ग में जायेंगे । किन्तु बाइबिल कहती है, " क्योंकि सभी ने पाप किये हैं और सभी परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।" ( रोमियों ३:२३)। बाइबिल कहती है "कोई भी धर्मी नहीं, एक भी।" ( रोमियों ३:१० )। तुम धार्मिक नहीं हो, मैं भी नहीं, और अगर भला होना ही स्वर्ग जाने की वज़ह होता तो हम में से कोई भी स्वर्ग नहीं जाता।
और प्रकाशित वाक्य २1:8 में बाइबिल कहती है, "किंतु कायरों, अविश्वासियों, दुर्बुद्धियों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादू टोना करने वाले मूर्ति पूजकों और सभी झूठ बोलने वालों को भभकती गंधक की जलती झील में अपना हिस्सा बंटाना होगा। यही दूसरी मृत्यु है। " मैंने पहले झूठ बोला है। हम सबने पहले झूठ बोला है। इसलिये हम सब पापी हैं। हमने इससे भी बुरी बातें की हैं। हम नरक जाने के लायक हैं।
किन्तु बाइबिल कहता है, " पर परमेश्वर ने हम पर अपना प्रेम दिखाया। जब कि हम तो पापी ही थे; किन्तु यीशु ने हमारे लिये प्राण त्यागे।" ( रोमियों 5:8 )। यीशु पृथ्वी पर आया क्योंकि वह हमें प्रेम करता है। बाइबिल कहती है कि वह ईश्वर का हाँड़ मांस का प्रतिरूप था। स्वयम ईश्वर ने मनुष्य का रूप लिया। उसने पाप हीन जीवन बिताया। उसने कभी कोई पाप नहीं किया, और उन्होंने उसे मारा, उसपर थूका और अंत में उसे सूली पर कीलों से ठोंक दिया। बाइबिल कहती है, " उसने क्रूस पर अपनी देह में हमारे पापों को ओढ़ लिया। ताकि अपने पापों के प्रति हमारी मृत्यु हो जाये और जो कुछ नेक है उसके लिए हम जियें।“ वो सारे पाप जो मैंने किये, या तुमने, उनकी सजा यीशु को दी गयी। जब वो मर गया तो उन्होंने उसको कब्र दी और उसकी आत्मा तीन दिन और तीन रातों तक नरक में गयी। (प्रेरितों के काम २:३१ ) तीन दिन बाद वह फिर से जीवित हो गया। उसने अपने शिष्यों को अपने हाथों में हुए छेद दिखाए।
बाइबिल में स्पष्ट रूप से वर्णित है की यीशु दुनिया में हर एक के लिए मरा। बाइबल कहती है, " वही हमारे पापों का प्रायश्चित है , न केवल हमारे पापों का बल्कि सारे संसार के पापों का।" परन्तु हम सबको बचने के लिए एक काम अवश्य करना चाहिए। बाइबल कहती है, यह प्रश्न है, ", उद्धार पाने मुझे क्या करना चाहिए?" उन्होंने उत्तर दिया, " प्रभु यीशु पर विश्वास कर। इससे तेरा उद्धार होगा, तेरा और तेरे परिवार का।" बस इतना ही। उसने यह नहीं कहा , " गिरजा में जाओ और तुम्हारा उद्धार होगा" या " बपतिस्मा करवाओ और तुम्हारा उद्धार होगा। एक अच्छी जिंदगी बिताओ और तुम्हारा उद्धार होगा। अपने पापों का प्रायश्चित्त करो और तुम्हारा उद्धार होगा।" नहीं। उसने सिर्फ कहा- विश्वास। बाइबिल का सबसे मशहूर कथन, जो आपको " इन एंड आउट बर्गर" के कप में भी मिलेगा, ये इतना मशहूर है, की इसे सबने सुना है। यूहन्ना ३:16," परमेश्वर को जगत से इतना प्रेम था कि उसने अपना एकमात्र पुत्र दे दिया, ताकि हर आदमी जो उसमें विश्वास रखता है, नष्ट न हो बलकी उसे अनंत जीवन मिल जाए. और अनंत मतलब अनंत यानि हमेशा के लिए। यीशु ने कहा , " मैं उन्हें अनंत जीवन देता हूँ, उनका कभी नाश नहीं होगा। न ही कभी कोई उन्हें मेरे हाथों से ले जा पायेगा। "
(यूहन्ना १०:२८ ). यूहन्ना 6:47 में बाइबिल कहती है, " मैं तुमसे सत्य कहता हूँ , जो विश्वासी है, उसे अनंत जीवन प्राप्त होगा।" इसलिए अगर तुम इस मसीह में विश्वास रखते हो, तो बाइबिल कहती है, तुम्हे अनंत जीवन प्राप्त होगा। तुम हमेशा जीवित रहोगे, यह अनंत और अविनाशी होगा। तुम्हारा उद्धार अवश्य होगा। यदि तुमने उसपर विश्वास किया और तुम्हें मोक्ष प्राप्त हुआ तो यह नष्ट नहीं होगा। यह अनंत और अविनाशी होगा।
यदि मैं पृथ्वी पर कोई भयानक पाप कर बैठता हूँ तो ईश्वर मुझे इस पृथ्वी पर ही दंड देगा। यदि मैं किसी का खून कर देता हूँ, तो ईश्वर मुझे सुनिश्चित तौर पर दण्ड देगा, है मैं जेल चला जाऊँ या और कठिन, मुझे फांसी दे दी जाये। दुनिया मुझे मेरे अपराध की जो भी सजा दे, ईश्वर ये सुनिश्चित करेगा कि मुझे अधिक सजा मिले, मगर मैं नरक में नहीं जाऊँगा। कोई भी पाप मुझे नरक में नहीं ले जा सकता , क्योंकि मुझे मोक्ष प्राप्त हो चुका है। अगर मैं नरक में जाता हूं तो यह ईश्वर का झूठ होगा। क्योंकि उसने वचन दिया था कि जो भी उस पर विश्वास रखेगा उसे अनंत जीवन प्राप्त होगा। उसने कहा था ," जो भी जीवित है और मुझ पर विश्वास रखता है उसे अनंत जीवन प्राप्त है।" इसीलिए बाइबिल में ऐसे ढेरों उदाहरण हैं, जिनमें लोगों ने बहुत बुरे काम किये किन्तु वे फिर भी स्वर्ग में गए। कैसे? क्या वे बहुत अच्छे थे? नहीं! क्योंकि वे ईसा मसीह में विश्वास रखते थे। दूसरे लोग जिन्होंने शायद एक बेहतर जिंदगी जी हो, किन्तु प्रभु यीशु पर विश्वास न रखने के कारण उन्हें नरक में जाना पड़ा, ताकि उन्हें उनके पापों की सजा मिल सके।
आज मैं अपनी बात इस एक विचार के साथ समाप्त करना चाहता हूँ एक चीज़ जो में सामने लाना चाहता हूँ, कि एक शिष्य ने यीशु से प्रश्न पूछा, और प्रश्न यह था कि उद्धार पाने वाले क्या कम लोग हैं? अच्छा प्रश्न है ना?क्या अधिकतर लोग मोक्ष पा सके ? या सिर्फ कुछ लोग? यहाँ कौन है जो सोचता है की अधिकतर लोग स्वर्ग में जायेंगे? ज्यादा से ज्यादा लोग? अंदाज़ लगाओ कि उत्तर क्या था? मत्ती 7 में उसने कहा," संकीर्ण मार्ग से प्रवेश करो। यह मैं तुम्हें इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि चौड़ा द्वार और बड़ा मार्ग तो विनाश की ओर ले जाता है। बहुत से लोग हैं जो उस पर चल रहे हैं। किन्तु कितना संकीर्ण है वह द्वार और कितनी सीमित है वह राह जो जीवन की ओर ले जाता है। बहुत कम हैं वे लोग जो इसे ढूँढ पाएंगे। ( मत्ती ७:१३-१४ ) ". और फिर उसने यह भी कहा, " प्रभु-प्रभु कहने वाला हर व्यक्ति स्वर्ग में नहीं जा पायेगा, बल्कि वह जो स्वर्ग में स्थित मेरे परम पिता की इच्छा पर चलता है, वही उसमें प्रवेश कर पायेगा। उस महान दिन बहुत से मुझसे पूछेंगे, 'प्रभु- हे प्रभु, क्या हमने तेरे नाम से भविष्यवाणी नहीं की? क्या तेरे नाम से हमने दुष्टात्माएँ नहीं निकाली? और क्या तेरे नाम से हमने बहुत से आश्चर्य कर्म नहीं किये?' तब मैं उनसे खुलकर कहूँगा कि मैं तुम्हें नहीं जानता। 'अरे कुकर्मियों, यहाँ से भाग जाओ। (मत्ती ७:२१-२३)"
सबसे पहले दुनिया के ज्यादातर लोग, यीशु को नहीं मानते! पर शुक्र है कि क्लास कि काफी लोग यीशु पर विश्वास रखते हैं.... पर दुनिया के ज्यादातर लोग यीशु को नहीं मानते पर भगवान ने हमें आगाह किया कि जो कहते हैं कि वह यीशु पर विश्वास रखते हैं, जो उसे प्रभु कहते हैं, उन में से बेहद यह बोलेंगे “ हमने तो बहुत से अच्छे कर्म किये हैं, हमें मोक्ष कि प्राप्ति क्यों नहीं हुई? और वह कहेगा, “भाग जाओ, मैं तुम्हें कभी नहीं जनता था” क्योंकि मोक्ष कि प्राप्ति... कर्म के आधार पर नहीं होती. और अगर आप अपनेआप को बचाने के लिए, अपने कर्मों पर भरोसा रखे हुए हो, या आप सोचते हो कि आप baptized हो, इसलिए आप स्वर्ग में जायेंगे. या आप सोचते हैं कि “ मुझे लगता है तुम्हें एक अच्छा जीवन जीना होगा, मुझे लगता है तुम्हें आज्ञाओं को मानना होगा, मुझे लगता है कि तुम्हें चर्च जाना होगा, या मुझे लगता है कि तुम्हें पापों से बचना होगा ,
अगर आप अपने कर्मों पर विश्वास रखे बैठे हैं, तो यीशु एक दिन आपको बोलेगा, भाग जाओ, मैं आपको कभी नहीं जनता था.
तुम्हें उसके किये पर पूरा विश्वास रखना होगा। तुम्हें पूरा विश्वास रखना होगा जो उसने क्रूस पर किया,जब वो तुम्हारे लिए मरा, दफनाया गया और फिर से जीवित हुआ। यही तुम्हारे लिए स्वर्ग का टिकट है। अगर तुम किसी और चीज़ पर विश्वास रखते हो और कहते हो, " मैं स्वर्ग में जाऊंगा क्योंकि मैं अच्छा मनुष्य हूँ और मैंने ये अच्छे कार्य किये हैं। " वह कहेगा," भाग जाओ" उसके शब्दों पर ध्यान दो," भाग जाओ, मैं आपको कभी नहीं जनता था." उसने ये नहीं कहा," मैं तुम्हें जानता था। "
उसने एक बार यदि तुम्हें जान लिया तो मैंने पहले भी बताया था, यह अविनाशी और अनंत है। यदि एक बार उसने तुम्हें जान लिया तो तुम्हारा उद्धार सदा के लिए हो गया। पर वह कहेगा," भाग जाओ, मैं आपको कभी नहीं जनता था.।" यदि तुम नरक में जाते हो तो उसने तुम्हें कभी जाना ही नहीं। यदि एक बार वह तुम्हें जान जाता है, बस हो गया। जैसे कि मेरे बच्चे हमेशा मेरे ही बच्चे हैं। जब तुम दोबारा जन्म लेते हो, जब तुम उसकी संतान हो, तो तुम हमेशा उसकी संतान रहोगे। तम परिवार की काली भेड़ हो सकते हो, तुम्हें ईश्वर इस पृथ्वी पर अधिक से अधिक सजा देता हो, तुम अपना जीवन इस पृथ्वी पर बिगाड़ सकते हो, परन्तु तुम्हारा उद्धार सुनिश्चित है। तुम बचाये जा चुके हो, उद्धार सुनिश्चित है। आज मैं अंतिम समय के विषय में मुख्य रूप से यही कहना चाहता था, और अब कुछ मिनटों के लिए मैं उद्धार और अंतिम समय पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दूंगा।
बाइबिल का बताया स्वर्ग का रास्ता।
स्वीकार करो कि तुम एक पापी हो।
पाप के लिए दंड का एहसास करो
विश्वास करो कि प्रिय यीशु सिर्फ तुम्हारे लिए मरा, दफनाया गया और फिर से जीवित हुआ।
विश्वास रखो कि सिर्फ यीशु ही तुम्हारा उद्धारक है।
प्रिय यीशु, मैं जानता हूँ कि मैं पापी हूँ। मैं नरक में जाने योग्य हूँ, पर मैं विश्वास करता हूँ कि मेरे लिए तू क्रूस पर मरा और फिर जिंदा हुआ। कृपया मेरा उद्धार कर और मुझे अनंत जीवन दे, यीशु, आमीन